आकर्षक ब्रेस्ट साइज़ पाना हर महिला का सपना होता है, भले ही उसका कारण सुन्दर दिखने की चाहत हो, या प्रेगनेंसी और ब्रेस्ट-फीडिंग के बाद अपने फिगर को मेनटेन रखने की इच्छा, या फिर कैरियर की प्रतिस्पर्धा में अपना महत्व बनाये रखने का प्रेशर. किन्तु प्रेग्नेंसी व ब्रेस्टफीडिंग के बाद किसी समय आकर्षक और सुडौल दिखने वाले ब्रेस्ट के आकार में भी परिवर्तन आ जाता है और वे लूज़ और लटके हुए से प्रतीत होने लगते हैं. दरअसल प्रेग्नेंसी के साथ ब्रेस्ट्स का विकास होता है और आकार में वृद्धि होती है। ब्रैस्ट में मैमरी टिश्यूज़ के अलावा काफी चर्बी भी होती है। जब वज़न बढ़ता है तो ब्रैस्ट में चर्बी भी बढ़ जाती है। आकार में वृद्धि हो जाने की वजह से ब्रैस्ट की त्वचा ढीली पड़ सकती है जिस वजह से ब्रैस्ट लटक सकते है और उनमे ढीलापन आ जाता है जो कि महिलाओ को अपने फिगर के प्रति बेहद कौन्शिअस बना देता है। ऐसा मोटापे के
कारण भी हो सकता है. ब्रेस्ट्स का ढीलापन क्लीवेज को प्रभावित करता है, और लगभग सारी ही महिलाओ को
इस दौर से गुज़ारना पड़ता है और फिगर में आये इस तरह के बदलाव के कारण आम तौर पर
मानसिक तनाव की शिकार हो जाती हैं और पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में कठिनाईयां महसूस
करती हैं. ऐसे में अक्सर
कुछ महिलाएं अपने कपड़ो
की अच्छी फिटिंग के लिए मार्केट में उपलब्ध पैडेड अंडर-वायर ब्रा का इस्तेमाल करती
हैं जो कि ब्रेस्ट को कुछ हद तक लिफ्ट करने का अस्थायी ऑप्शन है. ढीले पड़े ब्रैस्ट्स को पुनः आकर्षक स्वरुप प्रदान करने के लिए ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी एक सुरक्षित ऑप्शन है.
यह
कितना सेफ है?
ढीले पड़े ब्रैस्ट्स को पुनः आकर्षक स्वरुप प्रदान करने की
सर्जरी को मैस्टोपैक्सी या ब्रेस्ट-लिफ्ट कहते हैं जो कि वैज्ञानिक तौर पर बेहद सुरक्षित मानी जाती है । इस सर्जरी के द्वारा निप्पल
को ऊपर शिफ्ट किया जाता है और ब्रैस्ट्स को दोबारा नचुरल शेप दी जाती है। इसी के
साथ ब्रैस्ट्स के छोटे साइज़ को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक
“हाई स्टेंडर्ड अत्यंत सुरक्षित और टेस्टेड इम्प्लांट” का इस्तेमाल भी इसी सर्जरी के दौरान किया जा सकता है। यह पूर्णतया
सेफ प्रोसीजर है और इसके परिणाम लॉन्ग लास्टिंग है। इस सर्जरी के एक दिन बाद महिला
घर जा सकती है और भविष्य में फिर से बिना किसी परेशानी के गर्भ-धारण कर सकती है.
क्या ब्रेस्ट लिफ्ट (इम्प्लांट्स के बिना या इम्प्लांट्स के साथ) करवाने के
लिए अस्पताल में एडमिट रहना पड़ता है?
ब्रेस्ट लिफ्ट एक डे-केयर
प्रोसीजर है अर्थात इसमें अस्पताल में एडमिट नही रहना पड़ता, जिस दिन ब्रेस्ट लिफ्ट
होता है उसी दिन आप अपने घर जा सकती है. सामान्यतः ब्रेस्ट लिफ्ट के दो-तीन दिनों बाद आप अपना रोजाना वाला सारा काम-काज (जैसे घर के छोटे-मोटे काम करना, ऑफिस जाना,
डेस्क वर्क आदि) शुरू कर सकती हैं. कोई भी भारी काम (जैसे तेज एक्सरसाइज़ या वेट लिफ्टिंग आदि) तीन से चार हफ्तों तक नही
करनी चाहिए. कुछ समय तक उस हिस्से में हल्का-फुल्का दर्द, सूजन या
डिस-कम्फर्ट बना रह सकता है, हालाँकि ऐसा होना ज़रूरी नही है और अगर ऐसा होता भी है
तो ये नॉर्मल हीलिंग का एक हिस्सा है जिसमे घबराने की कोई आवश्यकता नही होती है और
इसे प्लास्टिक सर्जन द्वारा बताई गयी दवाओं के ज़रिये आसानी से कम किया जा सकता है.
सूजन को जल्दी कम करने और स्किन को जल्दी शेप में लाने के लिए एक स्पेशल प्रेशर
गारमेंट पहनाया जाता है, यह एक एलास्टीकेटेड अंडर-गारमेंट (स्पोर्ट्स ब्रा) होता
है जिसे नॉर्मल कपड़ो के नीचे लगभग दो से तीन महीनों तक पहनना होता है. ब्रेस्ट लिफ्ट रिज़ल्ट तुरंत दिखने शुरू हो जाते हैं और यदि आप एक स्वस्थ
जीवन शैली का पालन करें (मोटापा आदि से बचें) तो यह स्थायी रूप से लाभदायक हैं.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
डॉ आर के मिश्रा
प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन
सिप्स अस्पताल, लखनऊ
फोन: 9795 800 800
www.MyCosmeticSurgery.in
No comments:
Post a Comment