Tuesday 25 October 2016

स्मॉल फिजिकल चेंजेस आपको बना सकते हैं ऑर्डनरी से स्पेशल..

 ऐसे पायें अट्रैक्टिव-फेस

नाक और चिन रिशेपिंग
हमारे चेहरे की सुंदरता काफी हद तक हमारी नाक और चिन (ठुड्डी या ठोड़ी) के आकार और उनके अनुपात पर निर्भर करती है क्योंकि चेहरे की बनावट व फेशिअल फीचर्स के बीच के सामंजस्य और संतुलन में चिन व नाक का विशेष महत्व है. चिन के छोटे होने के पर नाक व निचले होंठ का आकार बड़ा प्रतीत होता है जिसके कारण कुछ मामलो में मुहं पूरा ठीक से बंद नही हो पाता और दांतों का कुछ हिस्सा दिखता रहता है. इसके अलावा ज़रूरत से ज्यादा नुकीली नाक अच्छी खासी लंबी चिन की सुंदरता को बिगाड़ देती है क्योंकि इससे चेहरा बेहद लंबा दिखने लगता है. लड़को में दबी हुई छोटी चिन का होना “गर्लिश” माना जाता है क्योंकि एक स्पष्ट चौड़ा जबड़ा और सुगठित चिन मर्दों के-से चेहरे की निशानी मानी जाती है. कई बार युवा पुरुष अपनी दबी हुई या छोटी चिन (चिन) को लंबा और उन्नत दर्शाने के लिए चिन के हिस्से में दाढ़ी रखने लगते हैं, क्योंकि अक्सर युवाओं को कॉलेज में दोस्तों या ऑफिस आदि में ग्रुप के बीच दबी हुई चिन वजह से हंसी का पात्र बनाया जाता है और उन्हें लगता है कि उनके फेशियल फीचर्स “मर्दाना” ना होकर लड़कियों जैसे दिखते हैं. लड़कियों में भी चेहरे पर पसरी हुई या नुकीली (तोते जैसी), चौड़ी या पिचकी हुई नाक का होना संकोच का विषय होता है आर ऐसे में वे सभी एक ही बात सोचते हैं कि काश उनकी चेहरे के इन हिस्सों का आकार बदलकर सुन्दर हो पाना संभव होता. दरअसल अब यह बदलाव संभव है. यदि आप अपनी नाक के आकार को लेकर चिंतित हैं तो कॉस्मेटिक नोज़ रिशेपिंग (राईनोप्लास्टी) के ज़रिये नाक को रिशेप करवा सकते हैं. इसके अलावा जिनियोप्लास्टी चिन की सुंदरता बढ़ाने व उसके आकार में परिवर्तन लाने के लिए एक अत्यंत सुरक्षित और अत्याधुनिक वैज्ञानिक तरीका है. ज़्यादातर लोग संतुलित चेहरा पाने के लिए ये दोनों ही प्रोसीजर्स एक साथ करवाते हैं किन्तु इन्हें अलग-अलग या इनमे से केवल एक सर्जरी भी आसानी से करवाई जा सकती है. लखनऊ में डॉ. आर. के. मिश्रा इस तरह की सर्जरी के अनुभवी व प्रशिक्षित प्लास्टिक व कॉस्मेटिक सर्जन माने जाते हैं.

लिप रिशेपिंग से पायें खूबसूरत होंठ
लिप रिशेपिंग अथवा लिप की कॉस्मेटिक सर्जरी के ज़रिये होंठो को मनचाहा आकार दिया जा सकता है, मसलन ज़रूरत से ज्यादा मोटे होंठो को संतुलित रूप से पतला किया जा सकता है इसे लिप रिडक्शन के नाम से जाना जाता है, इसके विपरीत यदि आप भरे होंठों के साथ पैदा नही हुई हैं और आप उनके आकार से संतुष्ट नही हैं तो लिप एनहेंसमेंट के ज़रिये उन्हें प्लंप और मोटा करवा सकती हैं. ये दोनों ही पूर्णतया सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कॉस्मेटिक सर्जरी हैं.

आईबैग्स के लिए ब्लेफेरोप्लास्टी ताकि आपकी आँखें आपसे पहले बूढी ना दिखें...
आँखों के नीचे सूजन जैसा महसूस होना या पल्कों के ऊपर के हिस्से का ढीला सा हो जाना “आई-बैग्स” या “बैगी-आईलिड्स” का सूचक है. जब आप ऊपर की तरफ देखते हैं तो उस समय आपके आई-बैग्स सबसे ज्यादा स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं. इसकी वजह से आपका चेहरा थका हुआ सा और सुस्त और ढीलाढाला लगने लगता है. आँखों की ऎसी सिकुडन, ढीलापन और सूजन से आपकी उम्र भी वास्तविक उम्र से ज्यादा प्रतीत होती है अर्थात आप आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा के लगने लगते हैं. गंभीर बैगी आइलिड्स कि स्थिति में पल्कों के उपरी हिस्से पर ढीली स्किन के लटके रहने के कारण आँखों की विजिबिलिटी भी बाधित हो सकती है और अक्सर ऐसे में लोग भौहें चढ़ाकर या माथा सिकोड़ कर स्पष्ट देखने की कोशिश करते हैं. अगर आप भी ऐसी किसी समस्या से परेशान हैं तो इस समस्या को “ब्लेफेरोप्लास्टी” के ज़रिये दूर किया जा सकता है. ब्लेफेरोप्लास्टी एक विशेष प्रकार की कॉस्मेटिक सर्जरी है जिसके द्वारा आईबैग्स या बैगी आईलिड्स को कम करके आपकी आँखों को पुनः तरोताजा और पहले की तरह अलर्ट व आकर्षक बनाया जा सकता है.

चबी चीक्स नहीं हाई चीक-बोन्स
हाई चीक बोन और स्लिम फेस के नए चलन ने गोल चेहरे और चबी चीक्स को ओल्ड-फैशन्ड बना दिया है. चबी-चीक्स  से छुटकारा पाने के लिए बकल-फैट पेड रिमूवल नामक प्रक्रिया का प्रयोग होता है जिसके ज़रिये गालों का अत्यधिक फैट रिमूव करके चेहरे की गोलाई को कम किया जाता है जिससे चेहरा स्लिम हो जाता है.

उपयुक्त ब्रेस्ट्स साइज़  
आकर्षक ब्रेस्ट साइज़ पाना हर महिला का सपना होता है, भले ही उसका कारण सुन्दर दिखने की चाहत हो, या प्रेगनेंसी और ब्रेस्ट-फीडिंग के बाद अपने फिगर को मेनटेन रखने की इच्छा, या फिर कैरियर की प्रतिस्पर्धा में अपना महत्व बनाये रखने का प्रेशर. जिन महिलाओ के ब्रेस्ट किन्ही कारणों से विकसित नही हो पाते वे आम तौर पर मानसिक तनाव की शिकार हो जाती हैं और पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में कठिनाईयां महसूस करती हैं. ऐसे में ब्रेस्ट के साइज़ को परमानेंट रूप से बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट एनहेंसमेंट सर्जरी (इम्प्लांट्स) एक सुरक्षित ऑप्शन है. इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग, वज़न बढ़ना या घटना व बढती उम्र आदि कुछ कारणों से भी ब्रेस्ट का साइज़ प्रभावित होता है और प्रेग्नेंसी ब्रेस्टफीडिंग के बाद किसी समय आकर्षक और सुडौल दिखने वाले ब्रेस्ट के आकार में भी परिवर्तन जाता है और वे लूज़ और लटके हुए एवं ढीले से प्रतीत होने लगते हैं. ऐसे ढीले पड़े ब्रैस्ट्स को पुनः आकर्षक स्वरुप प्रदान करने के लिए ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी एक सुरक्षित ऑप्शन है. इस सर्जरी के द्वारा नीचे की तरफ झुके हुए निप्पल्स को ऊपर शिफ्ट किया जाता है और ब्रैस्ट्स को दोबारा नचुरल शेप दी जाती है। इसी के साथ ब्रैस्ट्स के छोटे साइज़ को बढ़ाने के लिए इम्प्लांट का इस्तेमाल भी इसी सर्जरी के दौरान किया जा सकता है।
इसके अलावा जो महिलाएं ज़रूरत से जयादा बड़े ब्रेस्ट्स से परेशान हैं उनके ब्रेस्ट्स को नॉर्मल साईज में लेन के लिए लिए ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी उपयुक्त होती है.

गायिनेकोमास्टिया (मेल ब्रेस्ट्स) करेक्शन:
पुरुषों में चेस्ट के हिस्से का आसामान्य रूप से बढ़ा हुआ होना एक तरह की मेडिकल कंडीशन होती है जिसे गाईनेकोमास्टिया के नाम से जाना जाता है और जो कि हार्मोन आदि के प्रभाव के कारण प्यूबर्टी के समय लगभग हर लड़के में देखी जा सकती है, यह सामान्यतः समय के साथ नॉर्मल भी हो जाती है किन्तु अक्सर कुछ लोगों में अगर चेस्ट १-२ वर्षों में अपना सामान्य आकार नही लेता तो संकोच का कारण बन जाता है और वे ज्यादा फिटिंग वाले कपडे पहनने या किसी के सामने शर्ट उतरने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं. गाईनेकोमास्टिया हमेशा से पुरुषों के मानसिक तनाव का कारण रहा है और सही जानकारी एवं उचित इलाज के आभाव में अब तक तक इससे छुटकारा पाना बेहद मुश्किल था किन्तु कॉस्मेटिक सर्जरी के द्वारा इसको बिना किसी निशान या कॉम्प्लीकेशन के एक ही दिन में रिमूव किया जा सकता है अर्थात अब अस्पताल में एडमिट रहने की भी ज़रूरत नही है. अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो गाईनेकोमास्टिया करेक्शन सर्जरी के ज़रिये इससे हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं.

बॉडी कन्टूरिंग

एक्स्ट्रा फैट से छुटकारा
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार एक दशक पहले परफेक्ट बहु के रूप में लड़कियों की सुंदरता को मापने की कसौटी उनका गोरापन था लेकिन आज छरहरेपन को प्राथमिकता दी जाने लगी है। सोसाइटी की सोच में इस बदलाव के कारण लोगो में वजन घटाने को लेकर जागरूकता बढ़ी है.  अधिक वजन वाली लड़कियों का जब वजन कम होता है तो उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। सुंदर दिखने की होड़ में पुरुष भी पीछे नही हैं, वे भी बौलीवुड के स्टार्स की तरह स्लिम फिट ओर आकर्षक शरीर पाना चाहते हैं.  महिलाये औए पुरुष सभी शरीर के एक्स्ट्रा चर्बी से पूरी तरह छुटकारा पाना चाहते हैं क्योंकि  मोटापा और फैट हमारी हेल्थ और सुंदरता दोनों के लिए नुकसानदेह है. इससे छुटकारा पाने के लिए लोग डाईट और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं जिससे कुछ हद तक मदद अवश्य मिलती है पर इनकी भी कुछ लिमिट्स होती हैं और एक वक्त ऐसा आता है कि ये स्टबर्न (सख्त, आसानी से न जाने वाला) फैट किसी भी तरह से कम नही होता. इंडियंस में खासकर पेट, चिन के नीचे, बांहों व जांघों पर  और कमर के आस-पास के हिस्सों में स्टबर्न फैट इकठ्ठा हो जाता है जो किसी भी एक्सरसाइज़ या डाईट से कम नही होता. लेकिन अच्छी खबर यह है कि विज्ञान के पास लाइपोसक्शन के रूप में इसका हल भी मौजूद है. लाइपोसक्शन एक अडवांस और अत्याधुनिक तकनीक है जिसके मदद से एक्स्ट्रा फैट को बिना किसी नुकसान के कम किया जा सकता है. लाइपोसक्शन के ज़रिये शरीर के लगभग किसी भी हिस्से के फैट से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है.

टमी-टक
अक्सर देखा जाता है कि इंडिया में लोग पूरी तरह तो मोटे नही होते, बस पेट का हिस्सा मोटा और फूला हुआ रहता है. अगर आप अन्यथा फिट हैं तो यकीनन टायर जैसी कमर और मटके जैसे पेट से ज्यादा एम्बैरेसिंग और कुछ नही हो सकता. इस पेट के मोटापे को छुपाने के लिए पुरुष अक्सर ढीली-ढाली शर्ट पहनते हैं और महिलाये पेट को ढंकने वाले कपडे पहनती हैं. ऐसे में पुरुषों के लिए फिटिंग वाली टी-शर्ट या महिलाओं के लिए फिगर-हगिंग ड्रेसेज, पेट के नीचे साड़ी/स्कर्ट आदि पहनकर कांफिडेंस से निकलना एक सपने जैसा हो जाता है. यह डबल रोल / मफिन-टॉप / बेली-टायर आदि 30-40 साल की उम्र के बाद स्वाभाविक है । पेट के हिस्से का फूला और लटका हुआ होना हर उम्र लोगो के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, और खासकर महिलाओं में प्रेग्नेसी या मेजर वेट-लॉस के बाद ये समस्या निश्चित है क्यूंकि एक बार पेट की चर्बी बढ़ जाने के बाद दोबारा पहले की तरह स्लिम हो पाना लगभग असंभव सा हो जाता है. किन्तु अब इस परेशानी से टमी-टक द्वारा हमेशा के लिए मुक्ति पाई जा सकती है, टमी-टक एक अडवांस और अत्याधुनिक तकनीक है जिसके मदद से एक्स्ट्रा फैट व लूज़ स्किन को बिना किसी नुकसान के रिमूव  किया जा सकता है.

स्किन रेजुविनेशन

मस्सों से छुटकारा
चेहरे पर मोटे से मस्से का होना अच्छे-खासे सुन्दर चेहरे की सुन्दरता बिगाड़ देता है और ऐसे में लोग आत्मविश्वास के कमी महसूस करते हैंकिसी भी प्रकार के तिल या मस्से को प्रशिक्षित प्लास्टिक एवं कॉस्मेटिक सर्जन के द्वारा निकाला जाना सबसे सुरक्षित व आदर्श तरीका हैमस्से आकार में धीरे धीरे बढते ही रहते हैं इसलिए इन्हें शुरुवात में ही निकलवा देना उचित रहता है. हालांकि मस्से को सर्जरी से निकालने की प्रक्रिया सुनने में कष्टप्रद लगती है किन्तु सर्जरी के दौरान दर्द का कोई एहसास नही होता क्योंकि इसे सुन्न करने के बाद निकाला जाता है और यही मस्से निकालने का सबसे सुरक्षित, स्थायी व तीव्र माध्यम है। इस प्रक्रिया में तिल/मस्सा को त्वचा के अंदर तक छांटा जाता है और फिर टांके लगाकर उस जगह बंद कर दिया जाता है जिसपर एक छोटी सी टेप लगा दी जाती है. इस प्रक्रिया के तुरंत बाद ही मस्से से छुटकारा मिल जाता है और इस तरह मस्सा जड़ से खत्म हो जाता है.

जैनिटल रेजुविनेशन


फीमेल जेनाईटल रिजुविनेशन
वजाईनोप्लास्टी: महिलाओं के पर्सनल बॉडी पार्ट्स  (जेनाईटल पेसेजिस) में नार्मल डिलीवरी या मल्टिपल डिलीवरीज़  के बाद और उम्र के साथ शिथिलता/ढीलापन आना स्वाभाविक है जिसके कारण महिलाये निजी-संबंधो में आत्मविश्वास व आनंद  की कमी महसूस करती हैं और अपने पार्टनर से कतराने लगती हैं। प्रेगनेंसी व चाईल्डबर्थ  के बाद और उम्र के साथ योनि की शिथिलता या रिंकल्स को वजाईनोप्लास्टी के द्वारा पुनः पहले जैसा रिजुविनेट किया जा सकता हैं।
लेबियाप्लास्टी: लेबियाप्लास्टी के ज़रिये योनि के बहरी भाग (इनर व आउटर लिप्स) की शेप को भी ठीक किया जा सकता है.
रिवेर्जिनेशन: रिवेर्जिनेशन या हाईमन रिपेयर एक ऐसी सर्जरी है जिसके ज़रिये महिलाओं के जेनाईटल पैसेज की बाहरी परत/झिल्ली (हाईमन) को रिपेयर और रिस्टोर किया जाता है.

मेल जेनाईटल रिजुविनेशन
पुरुषों का अपने पर्सनल बॉडी पार्ट् की अपीयरेंस को लेकर चिंतिति रहना अक्सर देखा जाता है. पुरुषों के पर्सनल बॉडी पार्ट्स से सम्बंधित निम्न सर्जरिज़ होती है:
पेनाईल एनलार्जमेंट: इस सर्जरी के ज़रिये पुरुषों के पर्सनल बॉडी पार्ट् (पेनिस) की लम्बाई को लगभग दो से तीन सेंटीमीटर तक बढ़ाया जा सकता है.
पेनाईल फैटनिंग: इस प्रक्रिया में पुरुषों के पर्सनल बॉडी पार्ट् (पेनिस) की मोटाई को फैट-ग्राफ्टिंग सर्जरी के द्वारा बढ़ाया जाता है.

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
डॉ आर के मिश्रा
प्लास्टिक एवं कॉस्मेटिक सर्जन
सिप्स अस्पताल, लखनऊ
फोन: 9795 800 800
वेबसाईट- www.MyCosmeticSurgery.in

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