क्या आपने
नोटिस किया कि हाल ही में आपका पेट वाला हिस्सा दिन-ब-दिन मोटा होता जा रहा है और
आपकी डाईटिंग ये एक्सरसाईज का भी उसपे कोई असर नही पड़ रहा? अधिकाश भारतीय महिलाये
औए पुरुष सभी पेट के अनावश्यक रूप से फूले और लटके हुए होने (जिसे डबल रोल /
मफिन-टॉप / टायर आदि भी कहा जाता है जो कि ३०-४० वर्ष की उम्र के बाद लगभग हर किसी
को हो जाता है) से परेशान रहते हैं और इससे पूरी तरह छुटकारा पाना चाहते हैं। पेट
के हिस्से का फूला हुआ होना हर उम्र लोगो के लिए परेशानी का कारण बन सकता है,
क्यूंकि एक बार पेट की चर्बी बढ़ जाने के बाद दोबारा पहले की तरह स्लिम हो पाना
लगभग असंभव सा हो जाता है. ऐसी स्थिति में लोग मानसिक रूप से तनाव में रहने लगते
हैं और लोगो से मिलने जुलने या पार्टी आदि में जाने से कतराते हैं क्यूंकि उनको
लगता है कि ज़्यादातर कपडे उनपर नही फबते और उनका पेट उनके लिए शर्मिंदगी का कारण
बन जाता है. कई बार लोग पीठ पीछे अक्सर उनका मजाक उड़ाते हैं. किन्तु अब इस परेशानी
से टमी-टक द्वारा हमेशा के लिए मुक्ति पाई जा सकती है, टमी-टक एक अडवांस और अत्याधुनिक तकनीक है जिसके मदद
से एक्स्ट्रा फैट व लूज़ स्किन को बिना किसी नुकसान के रिमूव किया जा सकता है. मोटे शरीर ने टाइट फिट टी-शर्ट या साड़ी पहनने की आपकी इच्छा को मार दिया हो तो चिंता न करें, अब स्टार्स जैसा फिगर पाना आपके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है।
पेट के फैट परमानेन्टली
रिड्यूस करने का वैज्ञानिक तरीका क्या है?
कैलोरी
इनपुट और आउटपुट हमारे शरीर में पहुचने वाले वसा की मात्रा को निर्धारित करते हैं
और जब इनपुट आउटपुट से अधिक होता है तब अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है. ये
एक्स्ट्रा फैट कुछ रेजिस्टेंट हिस्सों (जैसे पेट, कमर, कूल्हे, जांघें, बांहे आदि)
में जाकर इकठ्ठा हो जाता है जो बाद में की जाने वाली डाइटिंग या एक्सरसाइज़ से भी
जाने का नाम नही लेता. सबसे अधिक समस्या कमर ओर
पेट के आसपास की चर्बी को कम करने में आती है क्योंकि ये हिस्से
बॉडी के गोदाम कि तरह होते हैं जिनमे स्टबबर्न फैट एकत्रित होता रहता है. ये फैट हमारे शारीरिक क्रिया कलापों में बहुत ही कम
इस्तेमाल में लाया जाता है. यही कारण है कि जब हम डाईट या एक्सरसाईज का सहारा लेते
हैं तो इसका असर हमरे वज़न पर तो पड़ता है पर पेट का स्टबर्न फैट किसी भी तरह घटता
नहीं है. ये फैट खासकर महिलाओं में समस्या प्रेगनेंसी, चाइल्ड-बर्थ और
ओबेसिटी के बाद ज्यादा गंभीर हो जाती हो क्यूंकि प्रेगनेंसी के बाद पेट का हिस्सा
परमानेंट तौर से फूला और लटका हुआ सा हो जाता है जो कि पूरी तरह कभी कम नही होता.
दरअसल इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है- प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में न सिर्फ अतिरिक्त चर्बी इकठ्ठा हो जाती है बल्कि खिचाव के कारण पेट की स्किन और मसल्स भी अपना साइज़ बदलते हैं, बढे हुवे फैट को व्यायाम द्वारा कुछ हद तक कम किया जा सकता है लेकिन स्किन और मसल्स को दोबारा उनकी जगह वापस लाने के लिए यह काफी नही है क्यूंकि स्किन एक बार खिंच जाने के बाद वापस अपनी शेप में नही आ पाती. यह समस्या हर महिला के जीवन में आती है और इस बढे हुवे बेडौल पेट को छुपाने के लिए अक्सर वे या तो साड़ी को पेट के ऊपर बाँधने लगती हैं ताकि पेट का ज़्यादातर हिस्सा ढका रहे, या फिर ऐसे कपडे पहनती हैं जिनमे पेट ना दिखे क्यूंकि अपने बेडौल शरीर को लेकर उनका कॉन्फिडेंस कम हो जाता है. ऐसे में वे प्रोफेशनल, सोशल एवं पर्सनल लाइफ में भी काफी कठिनाइयां महसूस करती हैं.
कुछ लोग पूरी तरह तो मोटे नहीं होते लेकिन उनके पेट के
आसपास काफी चर्बी जमा हो जाती है ऐसा जेनेटिक बनावट के कारण भी होता है. इस
अतिरिक्त फैट और लूज़ स्किन से हमेशा के लिए निजात पाने के लिए टमी-टक एक बेहतरीन
ऑप्शन है. टमी-टक न सिर्फ फैट के वोल्यूम को कम करता है बल्कि पेट की एक्स्ट्रा
लटकी हुई स्किन व उस हिस्से के स्ट्रेच-मार्क्स को भी रिमूव कर देता है.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
डॉ आर के मिश्रा
प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन
सिप्स अस्पताल, लखनऊ
फोन: 9795 800 800
www.MyCosmeticSurgery.in
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